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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम पंकज है, मैं जयपुर में रहता हूँ और मैं अन्तर्वासना का पिछले कई महीनों से नियमित पाठक हूँ।मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और मुझे अच्छी भी लगीं।यह कहानी तब की है जब मेरा घर पर किसी कारण झगड़ा होने की वजह से मैं 3 साल के लिए घर से दूर एक कमरा किराए पर लेकर रहता था और खर्चे के लिए मिनी बस पर खलासी का काम करता था।उस वक़्त मेरी मुलाकात एक बस ड्राईवर से हुई.
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आइए आगे चलते हैं।अब तक आपने पढ़ा कि मैं सोनम को चोद रहा था और सोनम के शरीर की अकड़न भी बता रही थी कि वो इस मिलन का इंतज़ार नहीं करेगी।तभी सोनम की चूत ने पानी फेंक दिया जैसे ही मेरे लण्ड को चिकनाई का अहसास हुआ.
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उसका जिस्म किसी माल लगने वाली महिला के जैसा ही था।फिर उसने मुझे अपना ब्लाउज उतारने को कहा और फिर ब्रा. मेरे ऊपर एक जुनून सा छा रहा था, लगता था जैसे दुनिया की सारी दौलत मिल गई हो।उसकी आँखें नशीली हो रही थीं, जो उसकी सुंदरता में चार चाँद लगा रही थी।फिर मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाली, थोड़ी ही अन्दर गई कि उसे दर्द हुआ, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया, बोली- जब ऊँगली डालने से इतना दर्द हो रहा है तो यह कैसे अन्दर जाएगा?मैंने कहा- यार. उसका नाम नेहा था।वो बिहार से थी और उनके कोई बच्चा नहीं था।उसका पति सुबह जल्दी काम पर चला जाता था और रात को देर से आता था।मैं उन्हें लोकाचारवश भाभी कहता हूँ।हम अकसर एक-दूसरे को देखा करते थे और मुस्कराते थे।जब भी वो मेरे पास से गुजरती थी तो उसकी महक मुझे पागल बना देती थी।मैं तो उसे कब से चोदना चाहता था.
उसने आराम से डलवा ली। एक तो इतना तेल से गीला था कि मेरी ऊँगली अन्दर तक एकदम से सरक गई और उसने भी बेहिचक ले भी ली।फिर तो मेरी ऊँगली अच्छे से उसकी गांड को मसलने लगी। उसको शायद अच्छा लग रहा था.
मगर वो तीनों दोस्त खुश नहीं थे।उनको तो दीपाली को देखे बिना चैन ही नहीं आता था।सब कुछ नॉर्मल रहा और छुट्टी हो गई। प्रिया और दीपाली एक साथ बाहर निकलीं। मैडी भी उनके पीछे-पीछे चलने लगा।मैडी- दीपाली रूको. कॉलेज में संजय अपने दोस्तो के साथ बैठ बातें कर रहा था, तभी टीना पीछे से वहां पहुँच गई और उनमें से किसी ने उसको नहीं देखा वो बस अपनी बातों में लगे हुए थे. और उसने वो चादर साफ़ की।उसके बाद हमने खाना खाया। फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद हमने दुबारा चुदाई शुरू की.
आआह्ह’ की मादक सिसकारियाँ फूटने लगीं।इतना आनन्द आ रहा था कि मानो मेरा लौड़ा उसके मुख में नहीं बल्कि उसकी चूत में हो. वे गोरी इतनी थीं कि धूप में निकलने और गुस्से में आने से उनके चेहरे पर लाली आ जाती थी।धीरे-धीरे मैं अधिक समय देने लगा. उसका दूध निकाल दिया और पूनम भी रिलैक्स हो गई।लेकिन ये सब करते हुए मेरा लंड इंतजार नहीं कर पाया और उसने पैन्ट में ही अपना माल छोड़ दिया था।अब हम रोज़ उसका दूध निकाल रहे थे।रोज़ दूध निकालने और दवाइयों की वजह से पूनम बच्चे को पिलाकर भी सुबह-शाम आधा लीटर दूध दे रही थी।पूनम अभी पूरी हाथ में नहीं आई थी इसलिए मैं और सोनम एक-एक कदम आगे जा रहे थे। वो अपना निकाला हुआ दूध फेंकने के लिए बोलती थी.
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मैं सच सुनना चाहती हूँ।मुझे पता चल रहा था कि चाची अब अपने बारे में सुनना चाहती हैं।तो मैंने कहा- मैं नहीं बताऊँगा. पर इससे पहले आज तक कोई कहानी नहीं लिखी है।यह बात उन दिनों की है जब मैं 12वीं में पढ़ता था।उस समय हम गाँव में ही रहते थे.
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और अनुजा तुमने मुझे इतना घटिया इंसान कैसे समझ लिया कि एक बच्चे के लिए मैं तुम्हें अपने से दूर कर दूँगा.
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लगभग 5-7 मिनट की चुदाई के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और थोड़ी देर बाद ही मेरे लंड ने भी उसकी चूत में पानी छोड़ दिया।चुदाई के बाद जब हमें होश आया तो हमने फटाफट अपने कपड़े पहने और आशा ने मुझे धन्यवाद देते हुए कहा- मैं आपके अलावा किसी और पर विश्वास नहीं कर सकती थी. उधर दीपाली भी आज अपनी मम्मी को प्रिया का नाम लेकर घर से निकल गई।बस दोस्तों आज के लिए इतना काफ़ी है। अब आप जल्दी से मेल करके बताओ कि मज़ा आ रहा है या नहीं. जो मैं भी सोच नहीं सकती थी।उनके सवाल के उत्तर में मेरे मुँह से निकल गया- अंकल दोनों करो…उनके फिर से पूछने पर- ज़ोर से.
होटल के बाथरूम में गरम पानी के फव्वारे ने मेरी गरम चूत की आग बुझाने की बजाए और बढ़ा दी थी।मैं बाथरूम से नहा कर नंग-धड़ंग निकल आई और कमरे में लगे आईने के सामने खड़ी हो गई. तो वो थोड़ी शान्त हुई। फिर मैंने फिर मौका पाकर एक और जबरदस्त झटका लगाया और इस बार मेरा पूरा 7 इंच लंबा लंड उसकी चूत में उतर गया।वो फिर से चीखी… लेकिन मैंने उसको सहलाया और हाथ नीचे ले जा कर उसकी चूत के दाने को मसला. फिर इंडिया गेट पर गए और वहीं पर घूमते रहे और मस्ती करते रहे।अब हमको घूमते हुए रात के 11 बाज चुके थे और हम बुरी तरह थक चुके थे। अब हम खाना ख़ाकर सोना चाहते थे.
जो आप दरवाज़ा बंद करके मेरे बिस्तर और माँ की चड्डी से करते थे।मैंने भी बोला- मैं कैसे समझाऊँ कि मुझे नहीं मालूम था कि वो तेरी माँ की चड्डी है।उतो वो तुरंत ही बोली- और ये बिस्तर.
तो उसने बोला- आप भी तो उतारो।अब माधुरी के जिस्म पर केवल ब्रा और पैंटी थी और मेरे तन पर केवल चड्डी बची थी।अब मुझे इस रूप में माधुरी को देख कर मेरी तमन्ना पूरी होने वाली थी. ऋतु बोली- दीदी हो गया…मैंने कहा- यस…मेरे से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।रोने के कारण मेरी आँखें लाल हो गई थीं।घर आने पर नानी ने पूछा- क्या हुआ टाँगों में?मैं बोली- गिर पड़ी थी नानी. अब मुझे भी लगा कि मेरा होने वाला है।मैंने अपनी गति और बढ़ा दी, वो भी चुदते-चुदते वापस मस्त हो गई और गालियाँ बकने लगी।‘मादरचोद.
तब उसने मुझे भी इशारा करके डांस-फ्लोर पर बुला लिया।मैं उसके पीछे खड़ा हो गया और डांस करने लगा।थोड़ी देर में मैंने उसकी कमर को पीछे से पकड़ते हुए डांस चालू रखा और डांस-डांस में थोड़ी देर में ही अपना पूरा बदन. तो उसकी निगाहें हमेशा मेरी नाभि या मम्मों पर ही रहती थीं।वो मेरी मटकती हुए गाण्ड को भी बहुत कामुक निगाहों से देखता था और धीमे स्वर में गंदे कमेंट्स भी देता था।एक दिन तो हद ही हो गई. मेरे चूतड़ों के बीच उनका लंड अन्दर-बाहर होना शुरू हुआ और एक अजीब सी मस्ती मेरी नस-नस में भर गई।मुझे दर्द तो हो रहा था.
देख कितना रस टपका कि तेरी चादर तेरे रस से भर गई।मैंने भी देखा तो चादर पे गीला बड़ा सा दाग था।इन्होंने मुझे पलंग के कोने पे घसीट लिया और मेरी टाँगें अपने कन्धों पर रख कर लण्ड अन्दर डालने लगे और मेरे निप्पल कस कर मसल दिए।मुझे बेहद दीवानगी हो रही थी, पलंग आवाज़ करने लगा था. इन पांच दिन हमने बहुत चुदाई की और इसी बीच बाजार से मैंने एक लॉकेट भी लाकर भाभी को पहनाया और भाभी ने मंगलसूत्र समझ कर पहन लिया.
असल में मैं अपने दोस्त के घर गया हुआ था होली खेलने तो जब मैं लौटा तो मैंने अंकल को मम्मी के पीछे खड़े होकर उनके ब्लाउज के अंदर रंग लगाते देखा. अपने बेकाबू लण्ड को दिलासा देता रहता।इस तरह से मेरा और रानी का यह खेल करीब 2 साल तक चला।मगर इस बीच कभी उसने मुझे खुल कर अपनी चुदाई कराने का निमंत्रण भी नहीं दिया और ना ही कभी वह मेरे द्वारा किए गई इन हरकतों को जाहिर होने देती थी।वो हमेशा अन्जान बनी रहती थी. अब विन्नी उठी और अमित का पैन्ट खोलने लगी और अब अमित सिर्फ अन्डरवियर में था।ऊपर से ही उसका लंड एकदम भंयकर लग रहा था।विन्नी बोली- अह्ह्ह.
मैंने उसके सिर को अपनी जाँघों पर रखा और बात करते हुए उसके गालों को सहलाने लगा और धीरे-धीरे होंठों को रगड़ने लगा।दवा असर दिखा रही थी.
पर मैंने अपना पूरा ज़ोर उसकी शरीर पर डाला हुआ था तो वो हिलने में नाकाम रही।फिर मैंने धक्के लगाने शुरू किए. इसलिए मैं पाँच मिनट में ही झड़ गया और आंटी के ऊपर लेट गया।तो आंटी ने मुझे चूमते हुए पूछा- क्या तुमने आज पहली बार चुदाई की है?तो मैंने ‘हाँ’ में जवाब दिया।आंटी ने कहा- फिकर मत कर. अब आगे बढ़ कर मैंने उससे बोला- तुम्हें क्या लग रहा है?तो वो मुझसे बोली- वही तो समझने की कोशिश कर रही हूँ कि मुझे क्यों सब कुछ गड़बड़ लग रहा है या फिर बात कुछ और है?तो मैंने उसे बोला- जो तुम्हें लग रहा है पहले वो बोलो.
अब बताओ भी…दीपाली थोड़े तीखे अंदाज में बोली शायद विकास की बात उसको बुरी लगी।विकास ने उसे सब बता दिया कि अनुजा के पेट में दर्द था. आवाज़ तो जानी ही थी।मेरी अम्मी एकदम बाहर आईं और जोर से चिल्ला कर मुझे आवाज लगाई- क्या हुआ साना?वो डर गई थीं।हसन ने एकदम मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मेरे मुँह को बंद कर दिया।मदीहा साथ वाले कमरे में चली गई थी.
पर तुम ऐसे क्यों पूछ रही हो?वो बोली- फिर क्या तुम ऐसे ही नहाए और ऐसे ही बाहर भी आ गए?मैंने उसे थोड़ा और खोलने के लिए शरारत भरे लहज़े में बोला- थोड़ा खुलकर बोलो न. उसका दूध निकाल दिया और पूनम भी रिलैक्स हो गई।लेकिन ये सब करते हुए मेरा लंड इंतजार नहीं कर पाया और उसने पैन्ट में ही अपना माल छोड़ दिया था।अब हम रोज़ उसका दूध निकाल रहे थे।रोज़ दूध निकालने और दवाइयों की वजह से पूनम बच्चे को पिलाकर भी सुबह-शाम आधा लीटर दूध दे रही थी।पूनम अभी पूरी हाथ में नहीं आई थी इसलिए मैं और सोनम एक-एक कदम आगे जा रहे थे। वो अपना निकाला हुआ दूध फेंकने के लिए बोलती थी. तो कमीनापन और रंडीपना तो कूट-कूट कर भरा होगा।साक्षी ने प्रीति के साथ कई बार ब्लाइंड डबल डेट की थी, मतलब दो लडकियां और दो लड़के.
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सो उसने मेरे लौड़े को अपनी चूत में ले लिया।उसकी एक हल्की सी ‘आह’ निकली और फिर एक-दो धक्कों में ही लवड़ा चूत की गहराइयों में गोता लगाने लगा।बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद उसने अपना रज छोड़ दिया और मुझसे लिपट गई उसके माल की गर्मी से मेरा माल भी उसकी चूत में ही टपक गया।हम दोनों एक-दूसरे को बाँहों में भींचे हुए जीजा-साली की चुदाई की कथा बांच रहे थे।दोस्तो, आपको मेरी ये सच्ची कहानी कैसी लगी.
तो मैं भी उनके पीछे पीछे चल निकला और दरवाजे की आड़ में से मैंने देखा कि वो उस आंटी से बात कर रही हैं।मैं उनकी बातें सुनने लगा।वो आंटी पूछ रही थीं- क्या. सशा के एक पड़ोसी प्रिस्कला ने कहा- मैंने पहले घर से कुछ आवाजें सुनी, मुझे लगा कि दोनों प्रेमक्रीड़ा में मग्न हैं. आज उनके इम्तिहान के बारे में बताया गया।विकास सर ने ही सबको बताया।विकास- देखो बच्चों तुम सबको इम्तिहानों के प्रवेश-पत्र तो मिल ही गए हैं। इम्तिहान मंगलवार से शुरू होना है.
उसने भी झट से अपना नाम बता दिया।फिर कुछ दिनों तक ऐसे ही हमारी बातें होती रहीं।उसके बात करने के तरीके से मुझे लगने लगा था कि वो भी मुझे पसंद करने लगी थी।एक दिन मैंने कहीं घूमने का मन बनाया तो मैंने ऐसे ही कोमल से भी पूछ लिया तो उसने भी चलने के लिए ‘हाँ’ कर दी।हम दोनों मेरी बाइक पर निकल पड़े. मैं बड़े ही प्यार से धीरे-धीरे चोदूँगा और तुम्हें कोई तकलीफ़ नहीं होने दूँगा।मैंने उसके चेहरे को हाथों में लेकर उसके होंठों पर एक प्यार भरा चुंबन जड़ते हुए कहा।‘लेकिन जीजू. पिक्चर देखने सेक्सीकल आकर नेट चलायेंगे।अब हम लोग दूसरे दिन मिले।विन्नी ने मुझे नेट चलाना बताया और साइट को कैसे सर्च किया जाता है.
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फिर उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे होंठों को चूमने लगा और मेरे पूरे चेहरे पर चुम्मा-चाटी करने लगा। मैं रोने लगी और उससे पीछे धकेलने लगी।वो मेरी चूचियाँ को दबाने लगा।उसने कहा- हीरा आज तुझे चोद कर ही रहूँगा… चाहे कुछ भी हो. पर तब से मुझे हस्तमैथुन की आदत लग गई और मेरा सेक्स के प्रति रुझान बढ़ने लगा।सब लोग सोचते हैं कि चुदाई दो टांगों के बीच में ही होता है. मैं टाँगें फैलाकर लेट गई।मामा ने ढेर सारा थूक मेरी योनि पर थूक कर मल दिया, फिर अपना लिंग मेरी योनि में लगा कर अन्दर को धकेल दिया, उनके लिंग का कुछ सुपारा समेत कुछ हिस्सा मेरी योनि में फंस गया।मैं दर्द से बिलबिला कर चीख उठी- आई.
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लेकिन शायद अब भी कुछ-कुछ शर्मा रहे थे।शौकत ने फिर पलट कर अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख कर चूमते हुए कहा- ज़रीना मेरी जान. फिर अपनी आग कैसे शांत करती हो।मैं तसल्ली से उसको सुन रहा था, वो अपनी ही धुन में आगे बोली- लोगों को यह नहीं मालूम होता कि एक औरत को सेक्स के साथ-साथ प्यार की भी ज़रूरत होती है, मैंने कहा- तुम लोगों की छोड़ो. उस वक़्त वो सलवार ओर कमीज़ में थी।मैं उससे अलग हुआ और उसको फिर से बाइक पर बिठा कर एक कच्चे रास्ते पर चल दिया। एक चुदाई के मतलब से सुरक्षित जगह देख कर वहीं पर बाइक रोक कर उसको कुछ अन्दर एक पेड़ के पीछे ले गया। वहाँ ले जा कर मैंने उसको चूमना शुरू किया और उसकी चूचियों को भी दबाने लगा।वो भी गरम होने लगी और बोली- कस कर भींचो.
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सेक्सी बीएफ चुदाई वाली बीएफ उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।मैं जल्दी बाहर नहीं जाना चाहता था।मैंने अपना मुँह उसकी चूत की तरफ किया और मस्त गुलाबी पंखुड़ी की तरह फूली हुई को चूत चाटने प्रयास करने ही वाला था कि उसने मुझे टोक दिया कहा- बाबू हम वेश्या हैं. जो उनके कंटीले हुस्न को और अधिक कंटीला बना देता था।मैं ऊपर छत पर कई बार उनकी सूखती हुई ब्रा-पैन्टी में सूँघता था और शायद कई बार उन्होंने मुझे छुपकर देख भी लिया था।वैसे बता दूँ कि उनके पति पुलिस में थे तो अक्सर रात की ड्यूटी हुआ करती थी।मैं छत पर होता था.
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फ़िर हम सब खाना खा कर अपने-अपने कमरों में जाने लगे और भाभी बर्तन धोने लगीं। मैं उधर ही बैठ कर टीवी देखने लगा।फ़िर थोड़ी देर बाद भाभी अपने कमरे की तरफ़ जा रही थी, तभी मैंने उनको रोक कर पूछा- सब लोग मुझे गिफ्ट में कुछ न कुछ दे रहे हैं. वो सिस्कारियाँ ले रही थी।कुछ देर चूमा-चाटी के बाद अब मैं उसकी गर्दन पर जीभ फेरने लगा और चाटते हुए उसकी चूचियों तक आ गया।मैंने अपनी शर्ट, बनियान और पैंट निकाल दी. मैं सबसे पीछे की सीट पर टाँगें फैला कर बैठ गया और सोनम मेरी टांगों के बीच जमीन में बैठ कर मेरा पूरा लण्ड अपने मुँह में ले रही थी।पहले की तरह नंगी बैठी सोनम भी धीरे-धीरे और गरम होने लगी। मैंने उसका मुँह पकड़ा और लण्ड को ऊपर-नीचे करने लगा.
पहले तू चोद।शायद वो मुझे चोदने में अभी भी शर्मा रहे थे।शौकत ने अब मेरे ऊपर चढ़ कर सैम से कहा- यार सैम. वो पाप कैसे हो सकता है?’वो बोली- पर जीजू, अगर किसी को पता चल गया तो गजब हो जाएगा…मैंने कहा- यह सब तुम मुझ पर छोड़ दो… मैं तुम्हें कोई तकलीफ़ नहीं होने दूँगा।मैंने उसे भरोसा दिलाया।रिंकी कुछ देर गुमसुम सी बैठी रही तो मैंने पूछा- बोलो साली. पाकिस्तानी सेक्सी सेक्सी वीडियोदिन के 2 बजे थे और धूप भी बहुत तेज थी। मैं बस स्टॉप के पास के एक पेड़ के नीचे खड़ा हो गया। तभी वहाँ कुछ देर बाद एक बहुत खूबसूरत महिला आकर खड़ी हो गई।कउसके नाक-नक्श बहुत ही अच्छे थे और उसके कपड़ों से भी लग रहा था कि वो किसी धनी परिवार से थी।मैं उसको एकटक देखे ही जा रहा था और वो भी कभी-कभार मुझको ध्यान से देख रही थी। मेरे मन में डर भी था कि कहीं पुलिस में शिकायत न कर दे कि ये घूर कर देख रहा है.
और कहा- हम लोग ये पिक्स रखकर तुम्हें और भी सबक सिखा सकते हैं लेकिन शायद ये सबक तुम्हारी जिंदगी का सबसे बड़ा सबक होगा और तुम आगे से ऐसी हरकत करने से पहले 1000 बार सोचोगे.
थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने कहा- अब मैं चलता हूँ।फिर मैंने आँखों से उसे नीचे आने को बोला तो वो इशारे से बोली- नहीं. तो निधि खाना बना रही थी।मैंने दरवाजे बंद किए और आंटी की सलवार उतार कर चूत चाटने लगा।आंटी ने भी मेरा लोवर उतार दिया और लंड को हाथ से सहलाने लगीं।फिर उन्होंने मेरा सर पकड़ लिया और चुम्बन करने लगीं।तभी पीछे से निधि आई और कपड़े उतार कर खड़ी हो गई और मेरा लंड हिलाने लगी.
लेकिन हम दोनों में से कोई भी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था।दोस्तो, आप सोच रहे होंगे कि मैं क्या बकवास कर रहा हूँ. आराम से…मैंने कहा- ठीक है।मैंने भाभी की कमर को कसकर पकड़ लिया और उनकी टांगों पर अपने मुड़े हुए घुटने रख दिए और एक जोर का झटका देकर लंड गाण्ड की गहराइयों में उतार दिया।भाभी जोर से चिल्लाई- मर गय्यी. मेरी गर्लफ्रेंड जिसका नाम देविका (नाम बदला हुआ है जिससे कि उसकी बदनामी न हो) जिसकी उम्र 18 साल थी।उसकी फिगर क्या बताऊँ.
फिर इस बार मैं चाची से बिना पूछे ही उनके गले लग गया और उनको पिछले बार से भी ज़ोर से गले लगा लिया। शायद इस बार आंटी अपनी पैरों की ऊँगलियों पर भी उठ कर ऊँची हो गई थीं।मैं उन्हें सहलाने लगा था.
इस बीच उनके संबंध उनके हमउम्र के अन्य लड़के से हो गया लेकिन वो आज भी मुझसे बड़ी चाव से चुदवाती हैं।एक दिन उनके प्रेमी के बारे में उनके घर पता चला और उनके भाईयों ने उनको पीटा। चूंकि मैं उनसे पाँच वर्ष छोटा था. Sun Screen…औरकाली हो तो…Fair Lovely…***कहते हैं:जो हँसा, उसका घर बसा़।पर जिसका घर बसा, उससे पूछो…वह फिर कब हँसा??***बीवी को समझानामतलब :32 GB का Video Download करनाऔर31. मैं समझ गया कि आंटी की चूत से चूतरस निकल रहा है, मैं अपना मुँह वहाँ ले गया और चूत चाटने लगा।आंटी मेरे बाल पकड़ कर सर को अन्दर धकेल रही थीं।मैं समझ गया कि आंटी फुल फॉर्म में हैं, मैं उनकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगा। मैं अपनी जीभ आंटी के चूत के अन्दर डालने लगा, आंटी जम कर मेरा सर दबाने लगी.
नवरात्रि सेक्सी वीडियोउसे चलाने में मुझे बहुत मजा आता था। अब मैं रोजाना साइकिल से स्कूल जाता था।कुछ दिन बाद मेरी साइकिल की चाबी स्कूल में कहीं गिर गई और मेरी चाभी स्कूल की ही एक लड़की को मिल गई।यह बात मुझे मेरे दोस्त ने बताई कि तेरी साइकिल की चाभी उसके पास है वो अन्य किसी कक्षा में पढ़ती थी, उसका नाम राजेश्वरी था. मैं उधर ही आता हूँ।फोन रखते ही मैंने सोनम के बाल लगाम की तरह पकड़े और उसके मुँह को चूत की तरह चोदने लगा। कमाल की बात थी सोनम के मुँह से भी लण्ड बार-बार अन्दर-बाहर होने की वजह से ‘स्लर्र्प.
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लेकिन मैं भी अपने हाथ का उपयोग नहीं कर सकता हूँ।तब वो बोलीं- ये कैसी विधि है कि हम हाथ का उपयोग किए बिना स्वास्तिक निकालें. तो वो बैठ गई और मेरा लण्ड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।वो मेरा लवड़ा चूसने के साथ ही एक हाथ से मेरे गोटियों को भी दबाने लगी. तभी विलास ने मुझे पकड़ कर अपनी बाहों में ले लिया और ‘सॉरी’ बोल कर मुझे फिर से चुम्बन करने लगा।मैंने भी उसका साथ दिया.
मैं एक हाथ से उसकी चूचियों को मसक रहा था और एक आम को मुँह में लेकर चूस रहा था।वो मेरे लण्ड को सहला रही थी और अपनी चूचियों पर मेरा मुँह दबाती जा रही थी।फिर मैंने एक हाथ उसकी चूत पर ले गया और मैंने देखा कि उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी।मैं चूत को सहलाने लगा तो वो और तेज-तेज आवाजें निकालने लगी।‘आह्ह. मेरे मन में चुदाई के ख्याल आने लगे।मुझे मुकेश से चुदवाने के ख्याल आने लगे।मुझे थोड़ी सी नींद आ रही थी. जिन्हें हम बाबूजी कहते हैं। ऐसे हम चारों बहुत खुशहाल रहते हैं।मेरे पति कंपनी के काम से कभी-कभी बाहर दूसरे शहर जाते हैं.
हर धक्के पर रूचि की सिसकी निकल जाती और मेरे अंडकोष रूचि की चूत से टकराते थे।तभी रूचि को कुछ सूझा और मेरा लण्ड बाहर निकाल कर वो उल्टी हो गई और अपनी टाँगें खोल दीं।मुझे लगा कि गाण्ड मरवाना चाहती है तो मैंने गाण्ड में लण्ड दबाया ही था कि उसका मुझे जोर का तमाचा पड़ा।‘मादरचोद गांडू. मैं समझा यह पट्टी हटाने का इशारा है। मेरे हाथ पट्टी हटाने के लिए मानो ऊपर उठ ही नहीं रहे थे। उसके मुँह में मेरा लण्ड था और वो मेरे लौड़े पर लगातार जुबान फिरा रही थी।बस उसके सर पर हाथ रख कर उसे वहाँ ही रुके रहने देने को मन कर रहा था। उसके मुँह में ही हमेशा लण्ड रखे रहने देने का मन कर रहा था।फिर किसी तरह मैंने पट्टी हटाई।आआहह. Facebook Par Mili Aaradhna-1दोस्तो, मेरा नाम गौरव है। मैं आप सबको अपने साथ हुआ एक खूबसूरत सा वाकिया सुनाना चाहता हूँ.
पर उसने मुझे नहीं छोड़ा।हम थोड़ी देर तक ऐसे ही पड़े रहे। उसे थोड़ी देर में अपनी पकड़ ढीली की, मैं अभी भी उसके ऊपर था।वो भावुक हो रही थी. उसकी हालत बुरी थी।गाण्ड और चूत के दर्द के मारे वो लगातार रो रही थी और बिलख रही थी।मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा और जैसे ही मैं उस पर चढ़ने लगा रूपा ने मुझे रोक दिया और कहा- नहीं.
तुम संजय के बारे में क्या बात कर रही थीं?फ्लॉरा ने संजय की करतूत के बारे में उनको बताया तो दोनों हैरान हो गईं.
मैंने मन ही मन तुम्हें अपना पति मान लिया था।हेमा ने यह कहते हुए मेरा काला मोटा लंड अपने मुलायम नाजुक हाथों में पकड़ लिया। उसके मुलायम नाजुक हाथों का स्पर्श पा कर मेरा लंड और कड़क हो गया।हेमा ने मेरा कड़क लंड अपने मुँह में भर लिया। हेमा आज के मॉडर्न ज़माने की औरत थी. कौलेज की जवान सेक्सी लडकीया ईडीयनउसे बेतहाशा चूम रहा था।सोनम की 36 साइज़ की चूचियों को जबरदस्त तरीके से नोंच रहा था।सोनम एक हॉट लड़की थी जो इस लल्लू के नीचे चुद रही थी. सेक्सी एक्स एक्स व्हिडिओ सेक्सीधीरे-धीरे हम दोनों के जिस्म एक-दूसरे में समा गए।उसने फुसफुसा कर कहा- दरवाजे बन्द कर लो।मैंने दरवाजे बन्द किए और उस पर टूट पड़ा. मेरे होंठों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।मैं भी उसका साथ देने लगा और फिर से मैं उसके मम्मों को मुँह लेकर चूसे जा रहा था।तभी उसने मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया और मेरे लंड को मुँह में लेकर फिर से चूसने लगी और कुछ ही पल के बाद मेरा लंड फिर से टाइट हो गया।तभी मैंने कहा- यार मुझे तुम्हारी गाण्ड बड़ी मस्त लगती है.
कि उसके सामने लोहे की रॉड भी फेल लगे।दीपाली के होश उड़ गए।वो नजारा देख कर उसका हाथ अपने आप चूत पर चला गया.
और अब वह उछल-उछल कर मेरा लण्ड अपनी चुदासी चूत में लेने लगी।अभी 5 मिनट ही बीते थे कि उसने मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए. और मुझे तो अंडरवियर में कर दिया। तब उसने मेरे गालों को पकड़ा और मसला तो मैं समझा शायद वो मुझे नॉटी बोल रही है।फिर उसके कपड़े उतरने की आवाज़ आई. तो मैं अपने घर चला आया।इसके बाद मैंने लगभग एक साल तक लगातार भाभी की चुदाई की लेकिन अब पता नहीं भाभी क्यों मुझसे न तो बात करती हैं और न मेरा फ़ोन रिसीव करती हैं.
कुछ समय बाद वीर्यपात हुआ।तभी खटिया के नीचे से किसी की कसमसाहट की आवाज हुई।मैंने देखा वो कृति थी।वो नीचे लेटी थी और सोने का नाटक कर रही थी।मैंने उसे खटिया के नीचे लेटा देख कर उससे शर्मिंदगी से देखा।मेरा वीर्य गिरने से वो गीली हो कर उठ गई।वो बोली- वाशिंग मशीन घर में है. 10 मिनट बाद हम अपने गाँव वाले घर पहुँच गए।उस घर में मेरे चाचाजी (उम्र 40 साल) और ताऊजी (उम्र 50 साल) रहते थे और शादी मेरे चाचा जी की लड़की थी।गाँव वाला घर बहुत ही बड़ा था. ये लोग मेरे पापा को और घर में भी सबको बता देंगे।मैं इस पल बिल्कुल होश में नहीं थी।तभी बगल वाले दादाजी हँसते हुए बोले- निकी.
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मेरा रंग सांवला जरूर है मगर मेरी फिगर तो किसी से भी किसी तरह कम नहीं है।मेरे रंग को ना देख कर हर लड़की मेरे फिगर पर फिदा रहती है।खैर इधर मैं अन्तर्वासना के ज़रिए आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।मेरी एक दीदी हैं. वो उस साड़ी में भी क़यामत ढा रही थीं।तो मैंने उनके घर जाकर देखा तो कोई नहीं था।फिर तो मेरे मन में उसी वक्त उसे चोदने की इच्छा होने लगी, मुझे अपना लण्ड संभालना बड़ा मुश्किल हो रहा था।जैसा कि मैंने आप सभी को बताया था कि मेरा लण्ड 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है जो कि खड़ा होने पर पैन्ट में अलग ही दिखता है. जिससे मेरी गाण्ड का छेद छत की तरफ ऊपर उठ चुका था और पूरा खुला हो गया था।इतने डर और बेइज्जती के बाद मेरे लंड का उठना तो बिल्कुल ना मुमकिन था।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !चारों आंटियाँ मेरे पास आकर मेरे मुँह पर और गाण्ड पर चाटें मारने लगीं.
क्या लहरा रही थी…दीपाली अन्दर चली गई थी तब तक मैडी भी उनके पास आ गया था।दीपक- यार मुझे शक हो रहा है।मैडी- कैसा शक बे.
मुझे उसका इस तरह से छूना बहुत ही आनन्ददायक लग रहा था।मैं भी उसके स्पर्श का मज़ा लेते हुए उससे रोमांटिक बातें करने लगा और घर जाने के लिए मैंने लम्बा वाला रास्ता पकड़ लिया ताकि इस रोमांटिक समय को और ज्यादा देर तक एन्जॉय किया जा सके।मेरे लम्बे रास्ते की ओर गाड़ी घुमाते ही माया मुस्कुराकर मुझसे बोली- क्या बात है.
जल्द ही तेरी इसे चोदने की भी इच्छा पूरी हो जाएगी।फिर वो अपने भारी नितम्बों को मटकाते हुए मेरे आगे चलने लगी।उसकी इस अदा से साफ़ लग रहा था कि वो मुझे ही अपनी अदाओं से मारने के लिए ऐसे चल रही है. और मस्त आनन्द लेते रहे।मित्रो, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी के रूप में सच्ची घटना अच्छी लगी होगी।आपके विचारों का स्वागत है मेरी ईमेल पर आपके विचार आमंत्रित हैं।[emailprotected]. सेक्सी शोलेतो उसके मम्मों के किशमिशी निप्पल साफ़-साफ़ दिख रहे थे।मैंने देर न करते हुए उसे पकड़ा और चूमना चालू कर दिया। चूमते-चूमते उसकी सफ़ेद रंग की टी-शर्ट को मैंने उतार दिया और उसका लोअर भी नीचे खींच दिया, अब वो मेरे सामने सिर्फ एक पैन्टी में खड़ी थी, मैंने उसे चूमते हुए उसकी पैन्टी को भी उतार दिया।अब उसकी मस्त अनछुई चूत मेरे सामने खुली थी.
मैंने लपक कर दरवाजा खोला।शौकत एक 5′ 9″ लंबे 40 साल के एक गोरे और आकर्षक आदमी के साथ अन्दर आए।उन्होंने मुझे उनसे परिचित कराया. तब से मैं भी सोचने लगी थी।अब अंकल ने मेरे दोनों मम्मों को पकड़ कर और दोनों हाथों से दबा कर उसके बीच में अपना लण्ड घुसाने को रखा, उन्होंने मेरे मम्मों को बिल्कुल चूत जैसा बना दिया और अपने लण्ड को मेरे दोनों मम्मों के बीच में रखने से पहले थूक लगा दिया…अब एक लण्ड मेरे मम्मों में दूसरा मेरी गाण्ड में और तीसरा चूत के मुहाने पर रखा हुआ था।ओह्ह. पर इससे पहले उसने मुझे अपना नम्बर दे दिया था।करीब एक हफ्ते बात ना करने पर मुझे उसकी कमी महसूस होने लगी.
‘गुरु शहद लगा कर चुदाती है क्या?’‘नहीं रे… पर चुदाते समय ऐसे नाटक करती है कि पहली बार मरवा रही है, और फिर ऐसे उचक उचक कर चुदाती है कि इससे बड़ी कोई चुदैल है ही नहीं. उसके जिस्म की गर्मी महसूस कर रहा था।मेरे हाथ धीरे-धीरे प्रीति की गाण्ड तक पहुँच गए और मैंने उन उभारों को दबा दिया।अब तक प्रीति भी सामान्य हो चुकी थी.
इसलिए पॉवर ऑफ करके इलेक्ट्रीशियन सुधार कार्य कर रहे हैं।इलेक्ट्रीशियन का कहना था कि पूरी वायरिंग काफी पुरानी हो गई है.
और अन्दर लेकर चूसो…’रिंकी और तेज़ी से लण्ड को मुँह के अन्दर-बाहर करने लगी।मैं समझ गया कि वो कितनी प्यासी होगी. और अब आपको मेरे जीवन में कभी कोई शिकायत नहीं मिलेगी…मैंने भावनाओं में बह कर ये भी कह दिया कि मैं वो सब करूँगी. तो जैसे ही उन्होंने मेरे खुले हुए दोनों मम्मों के बीच में अपना मुँह रखा चूँकि वो सामने थे और उल्टा तो उनका लण्ड मेरे कभी होंठों को तो कभी नाक के पास आ जाए तो उनकी लण्ड की महक जाने कैसी थी की वो मुझे पागल करने लगी…अब जॉन्सन अंकल बोले- निकी मम्मों को दबाऊँ कि चूसूँ.
गांव खेड़ी की सेक्सी वीडियो लगता है आपको कुछ ज्यादा ही प्यार करते हैं।तो माया मुस्कुरा कर मेरे पास आई और मेरे हाथ पकड़ कर बोली- तुम इतनी जल्दी क्यों परेशान हो जाते हो? तो मैंने बोला- तुम बिना बताए अचानक यहाँ आ गईं और मुझे नहीं दिखीं. ’ की आवाज़ से गूँज उठा।अब तक आरती 2 बार झड़ चुकी थी और अब हम दोनों साथ में झड़ गए।आरती मुझसे बोली- आज मुझे असली सुख मिला है.
असल में मैं अपने दोस्त के घर गया हुआ था होली खेलने तो जब मैं लौटा तो मैंने अंकल को मम्मी के पीछे खड़े होकर उनके ब्लाउज के अंदर रंग लगाते देखा. मैं दिन भर बहुत बोर हो जाती थी इसलिए मैं अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ रही थी।उसमें से एक कहानी मुझको बहुत अच्छी लगी. तो मैंने राजेश्वरी को फ़ोन किया और उसे घर से भागने का विचार बताया तो पहले तो उसने भी मना कर दिया फिर इस बारे में दूसरे दिन बताने को कहा।फिर हम दोनों ने फोन पर बातचीत खत्म की.
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अच्छा बनाती हो।मैं दरवाजे की तरफ बढ़ ही रहा था कि एक ज़ोर की बिजली कड़की और बारिश तेज हो गई।भाभी ने मुझे रोका- बाहर तूफान चल रहा है, थोड़ी देर रुक यहीं जाओ।मैंने भी रुकना ठीक समझा. सच में ये बहुत ही अच्छी है।वो बोली- फिर सूंघते हुए चाट क्यों रहे थे?तो मैंने बोला- तुम्हारे रस की गंध इतनी मादक थी कि मैं ऐसा करने पर मज़बूर हो गया था. तो तेरी माँ भी चुद जाए तो भी तेरी ही गाण्ड मारेगी।सोनम का मुँह खुला का खुला रह गया वो मुझे जानती थी कि मैं कितना बड़ा कमीना हूँ।उसने तुरंत मेरा लण्ड मुँह में लिया और जोर-जोर से उसका टोपा चूसने लगी। मैंने लगभग आधा लण्ड और घुसाया और उसके मुँह को चोदने लगा।दोस्तो, आज कहानी को इधर ही रोक रहा हूँ.
जो अपने शायद कभी ना देखा हो।मैडी- ऐसा क्या देख लिया तूने?सोनू- दीपाली के साथ आज प्रिया बात कर रही थी ना. मैं अकेला सब नहीं कर पाऊँगा।मैंने दोस्ती के नाते ‘हाँ’ कर दी।अगले दिन मैं अब्दुल के घर गया तो अब्दुल पहले से ही काम में लगा हुआ था।मैं भी जाकर उसके साथ लग गया।वो पहले माले पर रहता था.
उनकी फूली हुई चूत देख कर मैं तो हैरान हो गया।क्योंकि उनकी चूत काफी बड़े आकार की थी। मैंने कई लड़कियों और औरतों की चुदाई की है लेकिन इतनी बड़ी चूत मैंने अपनी जिन्दगी में पहली बार देखी थी।उनकी किंग साइज़ चूत पर एक भी बाल नहीं थे.
तो मैंने कहा- मैं शाम तक आ पाऊँगा।शाम को जब मैं उसके कमरे पर पहुँचा तो वो मेरा ही इन्तजार कर रही थी।उसने बताया- मेरे पति काम से बाहर गए हैं।जब मैंने उससे पूछा- क्या बात है. मैंने उसका मांस दांतों में भींच लिया।वो चिल्लाने लगी और मुझे दूर झटक दिया।तब मुझे होश आया कि मैं उस फूल के साथ कुछ ज्यादा सख्त हो गया था।मैंने उससे माफ़ी मांगी और उसके गालों पर हल्के से चूम लिया।उसका विचार कुछ नेक नहीं था. वो पीछे मुड़ गई।उसी वक्त रजनीश ने विभा का हाथ पकड़ा।विभा मुड़ कर पीछे देखने लगी।रजनीश ने तुरन्त हाथ छोड़ दिया और कहा- सॉरी भाभी।विभा हल्के से मुस्कुराई और उसने कहा- इट्स ओके रजनीश…फिर रजनीश ने थोड़ी हिम्मत करते हुए कहा- भाभी आज कुछ नहीं पिलाएँगी?विभा ने कहा- बोलो… क्या पीओगे?रजनीश बोला- भाभी कल वाला ही लाइए न.
लेकिन मुझे बहुत डर लग रहा था।तब उसने रफ़्तार से शॉट लगाने शुरू किए। मैं समझ गई कि वो झड़ने वाला है।मैं पहले ही झड़ गई थी।उसने अपना पानी चूत में ही निकाल दिया। उसने मुझे पूरे 30 मिनट तक चोदा।फिर 10 मिनट रुकने के बाद उसने मुझे लंड चूसने को बोला. boobs kaske suck kiyeStranger: uhhhhStranger: ahhhYou: pasina bhaut haainStranger: kitna suck karogeStranger: ahh aahStranger: habYou: maze de rahain boobs bahutStranger: han*You: maine gaalo ko kiss kiyaStranger: aap hi ka haiStranger: ahhhhhStranger: ahh. परन्तु इसके लिए सीधे छलांग नहीं लगा देनी चाहिए।आप अपनी संगिनी के साथ सम्भोग के अपने रास्ते में चलते हुए उसके शरीर में नीचे की ओर जाते जाएँ व उन्हें सहलाते रहें.
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