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’ करने लगी और एकदम से अकड़ते हुए डिस्चार्ज हो गई।तो मैंने भी अपना लंड निकाल लिया और खुद हिलाने लगा। कुछ देर बाद मैं भी डिसचार्ज हो गया और उसके बगल में लेट गया।मैं- मजा आया?सोनिया- हाँ लेकिन दर्द भी बहुत हुआ।मैं- पहली बार हर किसी को होता है.
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मैं पागल हो जाऊँगी।मैंने उन्हें भी नंगा किया और उनके पूरे शरीर को साबुन के झाग से भर दिया। उन्होंने भी मेरा लण्ड पकड़ लिया और लण्ड चूसने लगी।मेरा बुरा हाल हो गया था. अब वो मेरे सामने सिर्फ पैन्टी में खड़ी थी।मैं उसकी पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा और बिस्तर पर लेटा कर उसकी पैंटी को उतार दिया, उसके बिना बाल वाले चिकने छेद को देखकर मैं बेकाबू हो गया।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !मैंने लपक कर उसकी चूत पर मुँह रख दिया और अपने हाथों से उसकी चूत को फैला कर उसके छेद में अपनी जीभ डाल कर उसकी चूत जीभ से चोदने लगा।वो सिसक रही थी- ऊऊ. तो जाहिरा की चूचियों का ऊपरी हिस्सा और उसका क्लीवेज नंगा हो गया।मैंने फैजान को इशारा किया कि झुक कर उसको चूम ले.
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दोस्तो, मेरा नाम रोहित है (बदला हुआ नाम) अभी मैं 25 साल का हूँ। मैं देहरादून का रहने वाला हूँ। वैसे तो मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ. ’ करने के लिए भी नहीं बक्शा था।पता नहीं साले किस मिट्टी के बने हैं थकते ही नहीं हैं।थोड़ी देर में मेरी गांड से एक लंड निकला मैं अभी कुछ राहत लेती तब तक तुरंत दूसरे ने अपना लंड ठूँस दिया। उनको तो मानो ऐसे लग रहा था कि बिना टिकट की लॉटरी लगी है. तेरा वो अपनी बहन को मेरे से जल्द ही चुदवा देगा।सोनाली- इतनी देर तुम कहाँ रह गए थे?मैं- घर में और कहाँ?मैंने उसको सारी बात बताई।सोनाली- मतलब सब कुछ देख लिया.
मैं सीधे ही निम्मी और मैरी के टेबल पर बैठ गया और उनको आहिस्ता से कहा- मुझको यह उम्मीद नहीं थी कि तुम और शानू मिले हुए हो एक दूसरे से! रात को मुझको उन दोनों ने भी पकड़ लिया और मुझको चोदा।मैं बहुत रुआंसा मुंह बना कर बैठा था।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !मैरी बोली- सो सॉरी सोमू, हमसे गलती हो गई थी.
पर हम अब बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे।एक रविवार उसने मुझे फोन करके कहा कि मैं उसके कमरे पर आ जाऊँ।वो बहुत परेशान से लग रही थी। वो एक किराये के कमरे में रहती थी। मैं 11 बजे उसके यहाँ पहुँचा. तो मुझे ईमेल करके मेरा उत्साहवर्धन अवश्य कीजिएगा।कहानी जारी है।मेरी फेसबुक आईडी के लिए मुझे एड करेंhttps://www. उसके बाद मैं हूँ।पापा काम की वजह से हमेशा बाहर ही होते हैं। मेरी मम्मी भी प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हैं। घर में मैं और मेरी बहन ही होते हैं। मम्मी रात को आती हैं कभी-कभी उनकी नाइट मीटिंग्ज़ भी होती है.
पर शुक्र था कि उनकी बेटी अभी भी नींद में ही थी और उठी नहीं।दोनों बच्चों को अच्छे से सुलाने के बाद चाची बोलीं- चलो. लेकिन फैजान ने नीचे बैठ कर उसकी टाइट लेगिंग के संगम पर उसकी लेग्गी के ऊपर से ही उसकी चूत पर अपनी होंठों रखा और एक जोरदार चुम्बन करके बोला- ठीक है. अब आप ही बताओ कि मैं अपनी यह प्यास कैसे बुझाऊँ?फैजान उसकी टी-शर्ट को उसकी गले में डालते हुए बोला- मैं ही बुझाऊँगा तेरी प्यास.
मैंने उसको अपना लौड़ा दिखा दिया।उसने मेरा खड़ा लण्ड देखते ही उसे अपने हाथ में ले लिया और फिर अचानक से मुँह में लेकर चूसने लगी।मुझे पता ही नहीं चला कि ये क्या हो गया। मैं मना करता रहा और वो मेरा लौड़ा चूसती रही. मैं आपको कोल्ड ड्रिंक पिलाता हूँ।मेरे इन्कार के बावजूद वो भाग कर पास ही की कैन्टीन पर गया और दो कोल्ड ड्रिंक ले आया।फिर बोला- आइए भाभी.
मुझे याद आया कि मैं तो अपने कपड़े लाना ही भूल गई हूँ और गुरू जी की जिद पर मैं साड़ी पहने ही नहाने लगी थी।मैं सोच रही थी. अचानक भाई ने मेरे सर को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से झटके देने शुरू कर दिए।कुछ ही देर में उनके लंड से तेज वीर्य की पिचकारी मेरे गले में उतरने लगी।ना चाहते हुए भी मैं उनका सारा माल पी गई।पुरु- आह्ह. !वो अपने हाथों से मेरी चूत के दाने को सहलाने लगा। उसकी इस हरकत से मेरी चूत ने एकदम से पानी छोड़ दिया।‘चप्पआश्ह्ह्ह्.
जिसे आप जैसा पति मिला और आपका ये प्यारा हल्लबी लण्ड मेरा प्यारा सा खिलौना है।यह कहते हुए मैंने प्यार से उनके लण्ड पर चुम्मा ले लिया और फिर उन्हें किस करने लगी। जिसकी वजह से वो बहुत उत्साहित हुए और मेरी चूत में लण्ड डालने लगे।कुछ देर तक पति के साथ मेरी हचक कर चुदाई हुई.
’ की आवाजें निकल कर पूरे कमरे में भरने लगीं और कुछ देर के बाद हम चारों लोग डिसचार्ज हो गए।इस तरह बार-बार चुदाई होती रही और बार-बार झड़ते. साथ ही उसको एक पेनकिलर गोली दी और उसको सुला दिया।थोड़ी देर और मैं उसको बाहों में लेकर सो गया और उसके करीब 5 घंटे के बाद हम दोनों जागे। फिर मैंने चादर धोई और और हम दोनों ने कपड़े पहने और और फ़िर वहाँ से निकल आए।अब वो मेरी पक्की जुगाड़ बन चुकी है उसकी चूत की आग गाहे बगाहे मेरे लौड़े की आग से बुझती रहती है।तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी? आप जो भी कहें. फैजान ने दोबारा से अपनी बहन के नंगे निप्पल को अपने होंठों के दरम्यान ले लिया और उसे चूसते हुए धीरे से बोला- श्ह.
तो मैंने ‘मेहनताने’ की फरमाईश रख दी।लेकिन बिना कुछ बोले मुझसे वो छिपकली को हटाने की जिद करने लगी। मैंने भी मौके की नजाकत को समझते हुए बाथरूम से छिपकली हटा दी और अपने काम पर लग गया।जब सुप्रिया फ्री होकर आई तो मुस्कुराते हुए बोली- मैं भी काम करते-करते थक गई हूँ। कल हम दोनों साथ में घूमने चलते हैं।दोस्तो. मगर वो मानी ही नहीं और पूजा साली अपनी प्यास बुझाने बाहर निकली तो मैं किसी तरह छुप गया और साली पूजा का ही गेम बजा दिया। उसके बाद मैं तुमसे मिलने आया था याद है ना?टोनी- क्या बात करते हो भाई.
जा चाय गरम करके भाई को दे दे और मुझे प्यार से वहीं बैठने के लिए कहा।मैंने चोरी से माँ की ओर देखा तो माँ मुझे देख कर पूछने लगीं- आज नींद कैसी आई?मैंने कहा- अच्छी. लेकिन कभी ऐसा नहीं सोचा था कि ऐसा भी करना पड़ेगा… लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।तो बात शुरू यहाँ से हुई कि एक दिन मेरे निम्बज आईडी (एक चैट पोर्टल) में एक रिक्वेस्ट ‘हॉट सेक्सी गर्ल’ के नाम से आई. पर मैं कुछ ज्यादा ही करना चाहता था।लगभग 10-12 दिन बाद रात को जब मैं पलंग पर गया तो मेरे दिमाग में यही सब बातें घूम रही थीं कि कैसे माँ को दिन में चुदाई के लिए तैयार किया जाए।खैर.
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तो मैडम अन्दर आ गईं और मुझे इस हालत में देख कर मुस्कुराकर चली गईं।उस वक़्त मेरा लंड अपने पूरे जोश में था। आज मैंने ठान लिया था कि आज तो मैडम की चूत के दर्शन करके ही रहूँगा।मैंने कपड़े बदले और हॉल में आकर बैठ गया। मैडम मेरे लिए चाय ले आईं।मैडम ने गाउन पहना था.
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जैसा कि आप जानते हैं कि मुझे शेव्ड बगलों को देखने और चाटने में बहुत मज़ा आता है।उसकी ये सफाचट बगलें देखकर मैं जैसे पागल होने लगा और ज़ोर-ज़ोर से अपना हाथ चलाने लगा।नयना को ये बात समझाने में ज़्यादा देर नहीं लगी और वो अब जान-बूझ कर अपने हाथ ऊपर उठाने लगी।मैं जैसे पागल हुए जा रहा था. मैंने सोचा कि क्यों ना इससे ट्राई किया जाए। मैंने उससे उठाया और कुछ अपने लंड पर और कुछ उसकी चूत पर लगा दी।अब लंड आसानी से अन्दर जा सकता था. ఏసుప్రభు ఫోటోలు’ कहते हुए सर हिलाया।फिर वो बोली- आप अपना नम्बर दे दो।मैंने झट से दे दिया और अपनी बगल से हाथ निकाल कर उसके चूचों को छूने लगा। उसने एक बार मेरी तरफ देखा.
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बहुत ही सादा और मासूम सी लड़की थी।मुझसे बहुत ही प्यार करती थी और बहुत ही इज्जत देती थी।जब से घर में आई. कोई उपाय नहीं था।कुछ दूर चलने के बाद मैंने लूना ले ली और थोड़ी ही देर बाद हम दोनों घर पहुँच गए।उस वक्त घर पर सारे लोग थे. जैसे मैं उसे थोड़ी नाराज़गी दिखा रही हूँ।नावेद ने दोबारा से अपना हाथ मेरी नंगी बाज़ू पर रखा और आहिस्ता आहिस्ता मेरी नंगी बाज़ू को सहलाते हुए बोला- भाभी प्लीज़.
उसने थोड़ा भाव खाते हुए आखिर में ‘हाँ’ कर दिया।उसके बाद तो हमारी घंटों फोन पर बातें होती रहती थीं।उन्हीं दिनों हमने अपनी सामने वाली सोसायटी में नया घर लिया था.
मैंने उसकी सिसकी सुन कर अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उसकी चूत पर घुमाने लगा।फिर मैंने एक हल्के से धक्के के साथ लंड को थोड़ा अन्दर किया. क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट थी। वो दर्द से कराह कर आगे को हो गई तो मैंने उसकी चूची को कस कर पकड़ा और थोड़ा ज़ोर से धक्का लगाया.
वो फिर भी कुछ नहीं बोली। अचानक मेरा हाथ उनकी चूत से टकरा गया और वो सिसक उठी।वो एकएक मुझसे बोल पड़ी- कल रात तुम क्या देख रहे थे बाथरूम में?मैं तो सन्न रह गया और कुछ भी नहीं बोला. ?मुझे महसूस हो रहा था कि मेरी उंगली की हरकत की वजह से जाहिरा की चूत चिकनी होती जा रही थी और मुझे भी उसकी चूत को सहलाने और उसे किस करने और उसकी ज़ुबान को चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था।अभी हम यह बातें कर ही रहे थे कि दरवाजे पर घंटी बजी।मैंने जाहिरा की तरफ देखा. तो मैं अक्सर अपनी उनके घर जाता रहता हूँ।मैं जब भी उनके घर जाता तो उनके बड़े मम्मों के दीदार करता और उनकी मोटी गाण्ड के नजारे भी देखता था।आंटी मेरे से पहले कोई ऐसी-वैसी बात नहीं करती थीं पर एक दिन बोलीं- मेरे को तेरे से एक काम है।मैंने बोला- बताओ?तो आंटी ने कहा- मेरी एक कुँवारी सहेली है.
मैंने एक जोरदार धक्का दिया और मेरा पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत को फाड़ते हुए घुस गया। वो दर्द से कराह उठी. तो चलो गाँव में चलते हैं वहाँ मुनिया का क्या हो रहा है।मुनिया की माँ के मलहम-पट्टी होने के बाद दोनों ने उनको घर छोड़ा. दोनों ले लिए अपने छोटे से मुंह में?’ मैंने अपनी पत्नी की प्रशंसा की तो वो शर्मा कर अपनी आँखें छुपाने लगी.
एक्स एक्स हिंदी बीएफ देहाती क्या यह पहन कर जाओगी बाहर?जाहिरा अपनी आगे-पीछे देखते हुए बोली- क्यों भाभी इसमें क्या बुराई है?मैंने फैजान को इन्वॉल्व करती हुए कहा- क्यों फैजान यह ड्रेस ठीक है क्या?फैजान ने एक नज़र अपनी बहन की तरफ देखा और फिर बोला- हाँ ठीक तो है. तो वो कसमसाने लगी।मैंने थोड़ा सा और आगे को खिसकते हुए उसे और भी अपने भाई की कमर के साथ चिपका दिया, फिर मैंने धीरे से उसके कान में कहा-जाहिरा देख लड़कियाँ तुझे कैसे देख रही हैं.
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माँ ये तो बहुत दर्द कर रहा है।तो माँ बोलीं- बेटा रगड़ की वजह से तेरे सुपारे का टांका खुल गया है और ऊपर से तूने ही तो इसे फुला रखा है. निधि बेचारी कहाँ जानती थी कि आज उसके साथ क्या होने वाला है। उसने अपनी चड्डी भी निकाल दी, अब उसकी बिना झांटों की फूली हुई चूत अर्जुन के सामने आज़ाद थी।अर्जुन- देख निधि तू यहाँ लेट जा. तो मैं भैया के साथ-साथ ही था। हम एकदम पानी में चले गए और म्यूज़िक के साथ डान्स करने लगे।तभी भैया का लंड मेरी गाण्ड से टच हुआ और मुझे मजा आ गया। फिर तो मैं जानबूझ कर भैया की तरफ़ गाण्ड करके डान्स करने लगा।भैया भी शायद समझ गए और उन्होंने पानी के अन्दर अपना लंड बाहर निकाल लिया और मुझसे बोले- आरूष पानी मे पूरा नीचे तक जा.
मैं अभी ठाणे में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ।मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैंने आज तक की सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं भी अपनी कहानी आप लोगों के सामने लाना चाहता हूँ। मुझे उम्मीद है कि आप सभी को मेरी कहानी पसंद आएगी।मैं जब बारहवीं क्लास में पढ़ता था. इसी तरह एक महीने से ज्यादा वक्त निकल गया।एक दिन मुझे पता चला कि उसके पूरे शरीर पर फुंसियाँ हो गई हैं. पजाबी सूट डिजाइनतो मैंने देखा उस दिन वो बहुत प्यारी लग रही थी, मैंने उसको अपनी बाँहों में भर लिया, उसके होंठ चूसने शुरू किए, वो भी बहुत मस्त तरीके से साथ देने लगी।उसके बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसने कान की लौ को चूमने लगा और चूसने लगा।उसके बाद उसे पता नहीं क्या हुआ.
’ की आवाजों से पूरा कमरा गूँज रहा था।अब मैं झड़ने ही वाला था और तेज-तेज धक्के लगा रहा था, हर धक्के पर उसके मुँह से ‘आअहह.
उस दिन हम लोगों ने क्या-क्या किया और किस तरह उन लोगों ने फिर से मुझे सता कर मेरा अपमान किया और कैसे अपनी आग बुझाई. तो मैं उनके चूतड़ों को सहलाने लगा और उनकी साड़ी के ऊपर से ही दोनों चूतड़ों और गाण्ड को हाथ से धीमे-धीमे दबाने लगा। जब उसके बाद भी माँ ने कोई हरकत नहीं की तो मेरी हिम्मत थोड़ा और बढ़ी और मैंने माँ की साड़ी को हल्के हल्के ऊपर खींचना शुरू किया।साड़ी ऊपर करते-करते जब साड़ी चूतड़ों तक पहुँच गई.
उसके मुँह से आवाजें आने लगीं।फ़िर मैंने अपना हाथ निकाल कर उसकी जीन्स का बटन खोलने लगा।वो बोली- रहने दो ना प्लीज. उसमें अपने पैर की बड़ी ऊँगली अंगूठे को उसकी चूत के अन्दर डाल कर मज़े लेने लगा। पानी छूटने के कारण चिप-चिप कर रहा था और मुझे अत्यंत ही आनन्द आ रहा था।अचानक वो अपनी दोनों जांघों को जकड़ने लगी और मानो वो भी तैयार हो उठी थी और जोश में आ गई थी।मैं धीरे-धीरे सरक कर उसके पास गया. ब्रा और साड़ी के पल्लू के सहारे ढक दूँ। उनकी गोलाई और उभार को छिपा नहीं सकती। जो भी मुझे देखता, मेरी वक्ष-संपदा से तुरंत परिचित हो जाता।उम्र के लिहाज़ से मेरे नितंब भी काफ़ी उभर आए थे और कमर चौड़ी और जाँघ भारी और मांसल लग रही थी।जिस्म का रंग काफ़ी गोरा था.
मैंने वापस जाकर देखा कि दिव्या पूरी नंगी थी और अंकित दिव्या का ब्वॉय-फ्रेण्ड भी नंगा था। दिव्या उसकी गोद में बैठी थी.
वो फिर भी कुछ नहीं बोली। अचानक मेरा हाथ उनकी चूत से टकरा गया और वो सिसक उठी।वो एकएक मुझसे बोल पड़ी- कल रात तुम क्या देख रहे थे बाथरूम में?मैं तो सन्न रह गया और कुछ भी नहीं बोला. कि मुझसे रहा नहीं गया और मैं एक चूचुक को मुँह में डाल कर मजे से चूसने लगा, साथ ही दूसरे हाथ से शावर चला दिया. जब उनकी फोटो खींची गई थी।सेक्रेटरी अपनी बॉस के करारे लण्ड को चूस रही थी। इस दृश्य को देख कर मेरे पेट में अजीब सी हरकत होने लगी। पहले काफ़ी घिनौना और गंदा लगा और उल्टी होने वाली थी.
लगदी पंजाब दियाफैजान ने दोबारा से अपनी बहन के नंगे निप्पल को अपने होंठों के दरम्यान ले लिया और उसे चूसते हुए धीरे से बोला- श्ह. आख़िर वो फ्रेंड कौन निकली और फिर वो 2 दिन क्या क्या हुआ?यह मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगा।आशा है आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी.
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इस तरह मैंने अपने चोदू हुनर के चलते उसे करीब आधा घंटे तक हचक कर चोदा।मैंने उसकी चीखों के वजह से उसके मुँह पर एक पट्टी बाँध दी थी. अभी सिर्फ़ चपरासी ही आया था।हमने उससे लैब की चाभी ले ली और लैब में आ गए।उसने अपने बैग से बुक्स निकाल लीं और मेरी तरफ़ आई। वो यूनिफ़ॉर्म की स्कर्ट में काफ़ी हॉट लग रही थी। मैंने उससे किताबें लीं और अपने पास बैठने को कहा।वो बैठ गई. । जब इस पर इनकी तरफ से कोई आपत्ति नहीं हुई तो मैं उनके रसीले मम्मों पर भी साबुन लगाने लगा।धीरे-धीरे मैं उनके मस्त मम्मों को मसलने लगा और कहा- यहाँ का भी मैल साफ़ कर दिया है और बताओ अब किधर का और कराना है?अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था.
और मेरे खुले गले में हाथ डाल कर मेरी चूचियों को सहलाता रहता था।अपने शौहर को खुश करने और उसे लुभाने के लिए मैं भी हमेशा डीप और लो नेक की कमीजें सिलवाती थी. अब भाभी के होंठ पर मैंने अपने होंठ रख दिए।अचानक भाभी ने अपने होंठ खोल दिए और मुझसे कसके किस करने लगी, उनका हाथ नीचे मेरे लंड पर आ गया था. और घुटने से थोड़ा नीचे आ गई। मैं उसके पांव और जांघ तक तक का गोरा दृश्य देख कर पागल हुआ जा रहा था।मुझे एक तरकीब सूझी.
लण्ड को चूत के दरवाजे पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा। वो कराह उठी। उसने कस कर मुझे भींच लिया।वो बोली- आह्ह. अब वो भी थक गया था और मेरे बगल में पड़ा था।मैं उठी और मैंने कहा- आज इस 8″ के लंड ने मुझे जन्नत दिखा दी है. जो अब बहुत चढ़ने लगी थी। अब मैं भी लौड़े मिलने की ख़ुशी में पूरे जोश में आ गई थी।मैंने उनमें से एक आदमी की गर्दन पकड़ी और झक्कास वाली चुम्मी कर दी.
मैंने अपने जीवन में मेरी भांजी जैसी जानदार माल अब तक किसी को नहीं माना और वो समझदार भी बहुत थी।मैंने उसकी चूत का बाजा बजा दिया था. फिर पॉट पर बैठकर मेरे लौड़े को चूसने लगी। वो कभी अपने चूचे में तो कभी अपने शरीर के बाकी हिस्से से मेरे लौड़े को रगड़ती।ऐसा करते-करते उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी।फिर वो पॉट से उठी.
फैजान ने जोर से मुझे अपनी सीने से चिपका लिया और मेरे होंठों को अपने होंठों से मसलता हुआ बोला- बस करो.
तो उसकी गुलाबी पैन्टी साफ दिखाई दे रही थी। मेरा हथियार खड़ा होने लगा।मैंने हिम्मत कर एक हाथ से उसकी जाँघों को सहलाया. सेक्सी हिंदी ऑडियो वीडियोऐसे ही अवैध और अप्राकृतिक शारीरिक संबंधों का खुला वर्णन होता गया।मेरे प्रिय साथियो, इस दास्तान की लेखिका नगमा तक आपके विचारों को भेजने के लिए आप डिसकस कमेंट्स पर लिख सकते हैं. हे गूगल हाउ आर यू? वो क्या कहेगी उसको?यह सोच कर वो वापस लेट गई और सोने की कोशिश करने लगी। मगर उसकी चूत से गिरता पानी उसको बेचैन कर रहा था।पायल- ओह. वो दोनों मेरी ताकत और चोदने के तरीके को देखते ही रह गए।मैं उसे साइड में लेटा कर पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाल कर ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था।तभी वो दोनों फिर से गरम हो गए.
मैं उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह में लंड डालने लगा और उसका मुँह चोदने लगा।मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा सिर पकड़ कर चूत पर दबाने लगी।मैं भी मजे से उसकी चूत चाट रहा था.
वो हँस कर बोली- इतनी जल्दी भूल गए?मैं करीब 5 मिनट तक सोचता रहा कि ये कौन है।फिर उसने बताया- मैं निशा हूँ… तुम मेरे साथ पढ़ते थे।तब मुझे याद आया. और फिर उन्होंने बताया कि हम दोनों 12वीं क्लास से एक-दूसरे की अच्छी दोस्त हैं पर बारहवीं कक्षा के बाद नयना मेडिकल में चली गई और दीप्ति मैनेजमेंट की तरफ चली गई थी।अब नयना ने मुझे टीज़ करने की तैयारी शुरू की और वो धीरे-धीरे अपने टॉप को ऊपर करने लगी। जैसा कि मैंने कहा है शुरूआत में उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. 5 इंच लंबे और भंयकर काले मोटे थे और उनमें मोटी-मोटी नसें बिल्कुल साफ़ दिख रही थीं। बाकी दो तो 7 इंच के ही रहे होंगे लेकिन वे भी मोटे इतने अधिक थे.
नहाते समय भी हमने चुदाई की।उसके बाद मैंने उसकी गांड भी मारी।फिर मैं वापस आ गया और शाम को हम पार्टी में भी नहीं जा सके क्योंकि दीदी का दर्द के मारे बुरा हाल था. आज तो मज़ा आ जाएगा।कविता अब सिर्फ काली ब्रा और चड्डी में थी। उसके गोरे बदन पर काली ब्रा और चड्डी बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी।मैंने शुरूआत तो कर दी थी. कई बार उसने मुझे उसे घूरते हुए नोटिस किया था और नज़र में ही दम भर दिया था कि ऐसा ऑफिस में नहीं करना चाहिए।अगर आज उसने उन सब बातों का बदला लेने का सोचा.
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वहाँ हम लोग कब से नहीं गए।पूजा ने अपने कपड़े पहने और चुपके से वापस अपने कमरे की तरफ जाने लगी। तभी उसको ऐसा लगा कि वहाँ से कोई गया है. मैं समझ गया लंड का टोपा सुमन की चूत में घुस चुका है। वो मुझे पीछे की ओर धकेलने का असफल प्रयास करने लगी और कहने लगी- भैया प्लीज इसे निकालो. जिसके कारण मेरा लंड माँ के चूतड़ों के बीच थोड़ा सा घुस गया था।माँ हँसते हुए बोलीं- क्या बात है आज तो मेरे बेटे को बहुत भूख लगी है।‘हाँ माँ.
हम दोनों बिस्तर पर एक-दूसरे की बाँहों में चूमने में बिज़ी हो गए।भाई मेरे छोटे-छोटे मम्मों को दबा रहा था, कभी मेरे निप्पल को चूस रहा था और मैं भी उनकी कमर पर हाथ घुमा रही थी, कभी उनके लंड को सहला रही थी.
जाओ भाभी के पास और उन्हें इसकी यह हालत दिखाओ।फैजान ने जाहिरा का हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रखने की कोशिश करने लगा। फैजान की कोशिशों के वजह से जाहिरा का हाथ अपने भाई की अकड़े हुए लंड से छुआ भी.
तो मैंने अपनी हिम्मत बढ़ाई और पाँव के अंगूठे और एक उंगली से उसके पैर में च्यूंटी भर ली।लड़की ने मेरा पाँव दबा दिया। कमरे में हल्की रोशनी थी। जब लड़कियाँ जाने लगीं तो वह लड़की उन सब में सबसे पीछे जा रही थी।मैंने उसके पाँव को हाथ से पकड़ लिया। उसने आँख मारी. अब मैं झपट कर नीचे गया और बेड के साइड की दराज से आयल की शीशी उठा लाया।मैंने देखा तो उधर कन्डोम भी रखा था, वो भी मैंने साथ ले लिया।तभी नीचे से ऊपर वापिस आते वक़्त मेरी माँ मिलीं. चीन की सेक्सी वीडियो फुल एचडीकि हर औरत के आँसू निकले हैं। लंड इतना सख्त है कि जैसे लोहे की रॉड हो। मेरे लंड ने हर चुदाई की कहानी ऐसी लिखी है कि चुदने वाली की चूत काँप जाए।बात तीन महीने पहले की है। मेरे घर वाले सब लोग कुछ दिनों के लिए बाहर गए हुए थे। खाना-पीना चाची के जिम्मे बोल दिया गया था।मेरी चाची एक मस्त माल हैं। उनके मम्मे बहुत बड़े हैं। वो उस समय तीस साल की थीं। चाचा ट्रक चलाते थे.
लेकिन फ़ौरन ही उसने दोबारा से अपनी चेहरे को सपाट कर लिया। अब वो खुद को संम्भालते हुए दोबारा से आँखें बंद करके पड़ी रही।मेरे जिस्म के पास पड़े हुए उसके हाथ में मुझे थोड़ी सी हरकत सी भी फील हुई थी. मैं शाम को करीब साढ़े सात बजे उसके घर पहुँच गया। कुण्डी खटखटाने पर दरवाजा आरती ने ही खोला और मुस्कुरा कर मुझे भीतर आने को कहा और एक तरफ हट गई।मेरे बैठने के बाद उसने दरवाजे की कुण्डी बंद की और मेरे सामने आकर बैठ गई।उसने गुलाबी रंग की बिना बाँहों वाली सिल्क की नाइटी पहन रखी थी जो सामने से खुलती थी। गीले से बालों का जूड़ा बांध रखा था. मैं कल्पना कर सकता हूँ।टिया- तुम्हारा लंड कितना बड़ा है?मैं- करीब 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। तुमने अपनी बुर के बाल कब बनाए थे?टिया- अभी 3-4 दिन हो गए हैं।इसके बाद उसने अपनी 3-4 नग्न फोटो भेज दिए.
इस किस से वो सिहर गई।अब मैं अपना जीभ उसकी चूत पर घुमाने लगा और हल्का सा अन्दर करने लगा।जैसे ही मेरी जीभ उसकी बुर में अन्दर सुरसुराती. जो कि मैंने अपनी ड्रेस को नीचे करते हुए बाहर निकाल ली हुई थीं।अब मेरा नंगी चूची फैजान की बाज़ू से रगड़ रही थीं और उसका लंड भी मेरे हाथ में था।फैजान की हालत उत्तेजना से बुरी हो रही थी और उसके शॉर्ट्स की अन्दर खड़ा हुआ लंड और उस पर हरकत करता हुआ हाथ.
वहाँ ऐसा संभव नहीं हो पाया और हम लोग दुल्हन को विदा कराके ले आए।हालाँकि मेरी ससुराल भी ग्वालियर में ही है.
जिसमें सन्नी ने दोबारा गोली मिला दी थी।खाने के बाद वो बुलबुल के सामने जाकर रुक गए।पुनीत- चलो भाई रॉनी जो काम अधूरा है. मेरे साथ इस वासना के खेल में बहुत कुछ होना बाकी था, आप कहानी का रस लेते रहिए और अपने ईमेल जरूर भेजिएगा।कहानी जारी है।[emailprotected]. दोस्तो, आजनयना के सामने मुठ मारीकहानी का अगला हिस्सा मैं आपको बताने जा रहा हूँ। जैसा कि आपको पता है उस दिन नयना के सामने मुठ्ठ मारने के बाद उसने कहा था कि उसका पति और उसकी दोस्त का पति एक ही कंपनी में काम करते हैं और वो दोनों कंपनी इवेंट के लिए गोवा जाने वाले हैं.
सुर और बहू की सेक्सी वीडियो इमरानप्रिय दोस्तो, इस कहानी को मेरी एक मित्र ने मुझे लिखा है जिसे मैं संपादित करके आप सभी के सामने पेश कर रहा हूँ।अब तक आपने पढ़ा…अब आगे लिख रही हूँ. बस आधा लौड़ा घुसते ही मुनिया के चीखें फिर से कमरे में गूँजने लगीं और रॉनी के तगड़े लौड़े ने मुनिया का हाल से बेहाल कर दिया।रॉनी- उफ्फ.
इसलिए कल मैं उन्हीं के लिए दवाई लेकर जल्दी में जा रही थी कि तभी आपसे टकरा गई।मैं- क्या तक़लीफ़ है आंटी को?वो- ये तो नहीं पता. ’यह कह कर वो अपने कपड़े उतारने लगी। पैंटी को उतार कर उसने मेरी तरफ फेंक दिया और कमर पर हाथ रख कर मुस्कुराने लगीं।मैंने भी पैन्टी को सूंघा. भाभी का माल फिर से निकलने वाला था।अब मैं भी चरम पर पहुँच रहा था। नीचे से मैं भी ज़ोर-ज़ोर से शॉट लगा रहा था ‘आहह.
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क्योंकि इन सब बातों के बाद भी मैंने उसकी या दीदी की नंगी बुर नहीं देखी थी। बस वो हमेशा हमें नॉर्मल रहने को कहतीं और खुद भी वैसे ही रहती थीं।धीरे-धीरे मैं माँ के और करीब आने की कोशिश करने लगा और हिम्मत करके माँ से उस वक़्त सटने की कोशिश करता. ऐसे करने से मुझको परम आनन्द की अनुभूति हो रही थी।तभी उसने मुझे चुम्बन किया और मेरे लण्ड को पकड़ के दबा दिया।मैंने भी उसके मम्मों को जोर से दबा दिया. अभी तक चाय ही नहीं बनाई यार तुमने?जाहिरा और फैजान जल्दी से एक-दूजे से अलग हुए और जाहिरा अपने टॉप को ठीक करते हुए बोली- भाभी बस चाय लेकर आ रही हूँ.
वो बच्चों जैसे ज़िद करने लगी।फिर उसने मेरे लंड को पकड़ा और सहलाने लगी।मेरा लोवर और अंडरवियर हटा दी।मैं उसके सामने नंगा हो गया और वो मेरे लंड को पकड़ कर कहने लगी- इतना बड़ा?मैंने कहा- बड़ा है. अपने मुँह खोलो।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !रेशमा पलटी और उसके लण्ड को मुँह लेकर चूसने लगी। अगले ही पल राहुल का पूरा माल उसके मुँह में था.
मैंने इसी युक्ति को ध्यान में लेते हुए अपने भांजे से अपने जिस्मानी रिश्ते बनाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए।शाम को जब चंदर कॉलेज से लौट आया.
आज तो मज़ा आ जाएगा।कविता अब सिर्फ काली ब्रा और चड्डी में थी। उसके गोरे बदन पर काली ब्रा और चड्डी बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी।मैंने शुरूआत तो कर दी थी. उस दिन के बाद सुहाना मेरे पास हमेशा आती और चुद कर जाती थी।एक बार सूर्या के साथ भी उसको चोदा मतलब सिर्फ़ मैं ही नहीं. इतनी देर तक करते हो?मैंने कहा- इस टाइम में फोरप्ले बहुत करता हूँ। औरतों को 2 या 3 बार तो पहले ही झाड़ देता हूँ।वो हैरत से बोली- अच्छा.
जब मेरा ट्रान्सफर राँची हुआ था। मैंने राँची के अच्छे इलाके में एक घर ले लिया था, वहाँ पड़ोस में 3 परिवार और रहते थे।मैंने भी रहना शुरू कर दिया. फिर हम शाम को दिल्ली घूमने गए।अब उसने मुझसे विदा ली और अपने घर चली गई।मैं भी दूसरे दिन वापस लौट आया।यह मेरी सच्ची घटना थी जो मैंने आपके साथ शेयर की। आप मुझे अपनी प्रतिक्रिया मेल करके दे सकते हैं और इसी ईमेल आईडी से फेसबुक पर भी सर्च कर सकते हैं।धन्यवाद. तूने कहा कि करके दिखाओ तो मानें!निकिता- अच्छा अच्छा ठीक है… तुमसे बातों में कौन जीत सकता है… सब मेरा ही क़सूर था… तुम तो दूध पीते छोटे से बच्चे हो.
जो मेरी बाँहों में है।सोनाली- अच्छा सबसे ज्यादा मजा किसके साथ आया?मैं उसको किस करते हुए बोला- मेरी इस जान के साथ.
एक्स एक्स हिंदी बीएफ देहाती: वो पता नहीं अभी किस हालत में बैठे हों।तो इस तरह से नावेद को सब कुछ पता चल जाएगा और फिर उन दोनों बहन-भाई को भी एंजाय करने का वक़्त नहीं मिलेगा।हम इतनी देर में हॉल में एंटर हुए थे तो अन्दर फिर से बहुत ही अँधेरा हो गया था।नावेद बोला- भाभी फैजान भाई कहाँ पर बैठे हैं. उस समय उसने सफ़ेद सलवार कुरती पहन रखी थी।मैंने उसको देखा तो पहले भी था लेकिन हवस की नज़र से आज पहली बार देख रहा था। उसकी पूरी बॉडी सन्नी लियोनि के जैसी थी। रेशमी बाल.
वहाँ हम लोग कब से नहीं गए।पूजा ने अपने कपड़े पहने और चुपके से वापस अपने कमरे की तरफ जाने लगी। तभी उसको ऐसा लगा कि वहाँ से कोई गया है. साथ ही उसको एक पेनकिलर गोली दी और उसको सुला दिया।थोड़ी देर और मैं उसको बाहों में लेकर सो गया और उसके करीब 5 घंटे के बाद हम दोनों जागे। फिर मैंने चादर धोई और और हम दोनों ने कपड़े पहने और और फ़िर वहाँ से निकल आए।अब वो मेरी पक्की जुगाड़ बन चुकी है उसकी चूत की आग गाहे बगाहे मेरे लौड़े की आग से बुझती रहती है।तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी? आप जो भी कहें. उसके जिस्म में एक सर्द लहर दौड़ गई आग की तरह तपता हुआ लौड़ा उसके नाज़ुक हाथ की उंगली से टच हो रहा था। मगर उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वो उसको पकड़ सके और तुरन्त उसने अपना हाथ बाहर निकाल लिया।दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.
कभी-कभी थोड़ी बहुत बहुत हरकतें भी करती थीं। लेकिन मैं उन्हें कुछ नहीं कहता था। वैसे तो मेरे पीछे मेरी 4 चचेरी भाभियाँ चुदाई करने के लिए पीछे पड़ी हुई थीं.
जाहिरा ने मुस्करा कर थोड़ी सी गर्दन मोड़ कर मेरी तरफ देखा और बहुत धीरे से बोली- भाभी आपको भी तो देख रही हैं।वो इतनी आहिस्ता से बोली थी. पर शुक्र था कि उनकी बेटी अभी भी नींद में ही थी और उठी नहीं।दोनों बच्चों को अच्छे से सुलाने के बाद चाची बोलीं- चलो. फिर उसने मुझे उठ कर फ्रेंच किस करते हुए बोला- लास्ट नाइट वाज़ मोस्ट वंडरफुल नाइट ऑफ माय लाइफ जानू…तो मैंने कहा- कम ऑन.
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